मद्रास को चेन्नई क्यों कहा जाता है?

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मद्रास को चेन्नई क्यों कहा जाता है? यह एक रोचक प्रश्न है जिसका उत्तर बहुत सारे लोगों को नहीं पता होता है। चेन्नई, तमिलनाडु राज्य की राजधानी है और यह भारतीय महासागर के किनारे स्थित है। यह शहर अपनी सुंदरता, संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

चेन्नई का पुराना नाम मद्रास था। इसका इतिहास बहुत पुराना है और इसे ब्रिटिश शासन के समय स्थापित किया गया था। चेन्नई को मद्रास कहा जाता था क्योंकि यह एक मद्रासपट्टणम नामक गांव के पास स्थित था। मद्रासपट्टणम नाम का उद्गम संस्कृत शब्द “मद्र” से हुआ है, जो दक्षिण भारतीय भाषा तमिल में “वानर” को दर्शाता है। इसलिए, मद्रासपट्टणम का अर्थ होता है “वानरों का नगर”।

चेन्नई को मद्रास कहने का एक और कारण था कि यह ब्रिटिश शासन के दौरान मद्रास प्रान्त की राजधानी थी। इसलिए, इसे मद्रास के रूप में जाना जाता था। लेकिन, 1996 में इसका नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया। यह नामकरण तमिलनाडु सरकार द्वारा किया गया था और इसका मतलब होता है “चेन्नई के रहने वालों का नगर”।

चेन्नई को चेन्नई कहने के अलावा भी कई नामों से जाना जाता है। इसे “दक्षिण की प्रधान नगरी” भी कहा जाता है क्योंकि यह दक्षिण भारत में स्थित है। इसे “गोंडवान” भी कहा जाता है क्योंकि यह गोंडवान पहाड़ियों के पास स्थित है। चेन्नई को “वानरपुरी” भी कहा जाता है क्योंकि इसे मद्रासपट्टणम के नाम से भी जाना जाता है।

चेन्नई का नाम बदलने के बावजूद, यह अपनी पुरानी दुनिया की चार्मिंग जगहों के लिए जाना जाता है। यहां आपको ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, बीच, और बाजार मिलेंगे। चेन्नई की संस्कृति और विविधता भी इसे एक खास स्थान बनाती है।

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