कोलकाता एक मरता हुआ शहर क्यों है?

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कोलकाता एक मरता हुआ शहर क्यों है?

कोलकाता, पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी है और भारत की सबसे पुरानी शहरों में से एक है। यह शहर अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, दुखद है कि आजकल कोलकाता एक मरता हुआ शहर के रूप में जाना जाता है।

एक मुख्य कारण है कि कोलकाता की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई है। यहां के उद्योगों को नये और विकासशील शहरों के साथ मुकाबला करने में कठिनाई हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, बेरोजगारी और गरीबी की स्थिति में वृद्धि हुई है। यहां के लोगों को रोजगार की कमी का सामना करना पड़ रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।

एक और मुख्य कारण है कि कोलकाता को एक मरता हुआ शहर के रूप में देखा जाता है, वह है यहां की जनसंख्या की घटती हुई दर। यहां के लोग अन्य शहरों में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप यहां की जनसंख्या में कमी हो रही है। यह जनसंख्या की कमी न केवल शहर की विकास गति को धीमी कर रही है, बल्कि इसके प्रभाव से शहर की सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर भी असर पड़ रहा है।

कोलकाता को एक मरता हुआ शहर के रूप में देखने का एक और कारण है यहां की इंफ्रास्ट्रक्चर की अवस्था। यहां की सड़कों, पानी की आपूर्ति, बिजली की आपूर्ति और सार्वजनिक सुविधाओं की स्थिति बहुत ही खराब है। यहां की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या है और यहां की जनता को बिजली की बहुत ही अस्तित्वहीनता का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, यहां की सार्वजनिक सुविधाएं भी बहुत ही अपूर्ण हैं और इसके कारण शहर की जनता को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इस प्रकार, कोलकाता एक मरता हुआ शहर के रूप में जाना जाता है जिसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है, जनसंख्या की घटती हुई दर है और इंफ्रास्ट्रक्चर की अवस्था खराब है। हालांकि, यह शहर अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और विविधता के लिए अभी भी प्रसिद्ध है।

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