मेघालय का राष्ट्रीय पशु कौन सा है?

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मेघालय भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है जो प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां की जंगलों, पहाड़ों और नदियों की सुंदरता देखने लायक है। इस राज्य में विभिन्न प्राणियों का भी विशेष महत्व है, जिनमें से एक है मेघालय का राष्ट्रीय पशु।

मेघालय का राष्ट्रीय पशु है क्या? यह सवाल बहुत से लोगों के मन में उठता है। इसका उत्तर है – बाघ। हां, मेघालय का राष्ट्रीय पशु बाघ है। बाघ एक शेर की तरह का पशु होता है जिसकी खूबसूरत तस्वीरें हमेशा देखने को मिलती हैं। यह एक शक्तिशाली और गर्वित पशु होता है जो अपने आकार और रंग के कारण लोगों को आकर्षित करता है।

बाघ एक अत्यंत महत्वपूर्ण पशु है जो वन्यजीवों के लिए एक संरक्षण क्षेत्र का कार्य करता है। इसकी संख्या मेघालय में बहुत कम हो गई है और इसलिए इसे राष्ट्रीय पशु के रूप में घोषित किया गया है। बाघ को संरक्षित करने के लिए वन्यजीव निर्धारण कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके तहत इसके बसे हुए क्षेत्रों की सुरक्षा की जाती है।

मेघालय के अलावा बाघ दूसरे राज्यों में भी पाए जाते हैं, लेकिन यहां की जंगलों में उनकी संख्या अधिक है। बाघ एक अद्भुत प्राणी है जो अपनी शक्ति और साहस के लिए प्रसिद्ध है। इसकी ताकत और तेजी को देखकर लोग उसे एक महान पशु के रूप में मानते हैं।

बाघ के अलावा, मेघालय में और भी कई प्राणियों की विविधता होती है। यहां पर्यटकों को वन्यजीवों के दर्शन का अवसर मिलता है। इसके अलावा, यहां की जंगलों में विभिन्न पक्षी, रेखाचित्र, बंदर, बाघ, हिरण, बाघ, गाय, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ, बाघ

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