बिहार के राष्ट्रीय मिठाई कौन सा है?
बिहार राज्य भारतीय सभ्यता, सांस्कृतिक विविधता और खाद्य संप्रदाय के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य में विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, जो इसकी विशेषता हैं। बिहार को देशभर में अपनी मिठाइयों के लिए पहचान मिली है। इस लेख में हम बिहार की राष्ट्रीय मिठाई के बारे में चर्चा करेंगे।
बिहार की मिठाइयों का विशेष महत्व है, क्योंकि यहाँ की मिठाइयाँ अपने अद्वितीय स्वाद और गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मिठाइयों में से कुछ बहुत प्रसिद्ध हैं और इन्हें बिहार की राष्ट्रीय मिठाई के रूप में मान्यता दी जाती है।
बिहार की पहली राष्ट्रीय मिठाई है “खाजा”। यह एक प्रकार की मिठाई है जो खासकर पटना और गया में बनाई जाती है। खाजा एक लच्छेदार और कुरकुरे आकार की मिठाई होती है जिसे गुड़ और मैदा से बनाया जाता है। इसे तेल में तलकर बनाया जाता है और फिर शक्कर से चिढ़ाया जाता है। खाजा को आमतौर पर ब्रेकफास्ट के समय खाया जाता है और इसे गर्म दूध के साथ परोसा जाता है। खाजा को बिहार की पहचान माना जाता है और यह बिहार के लोगों के द्वारा खाया जाने वाला एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है।
दूसरी राष्ट्रीय मिठाई है “सतुआनी”। यह बिहार के दक्षिणी भाग में प्रसिद्ध है और इसे विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। सतुआनी एक प्रकार की गुड़ और गेहूं की मिठाई होती है जिसे तेल में तलकर बनाया जाता है। इसे गुड़ और नारियल के साथ परोसा जाता है। सतुआनी को बिहार की प्रमुख मिठाई माना जाता है और इसे विवाह, उपनयन और अन्य पर्वों पर बनाया जाता है।
तीसरी राष्ट्रीय मिठाई है “खुरमुरा”। यह बिहार के विभिन्न हिस्सों में प्रसिद्ध है और इसे विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। खुरमुरा एक प्रकार की चिकनी और कुरकुरे मिठाई होती है जिसे चावल और गुड़ से बनाया जाता है। इसे गुड़ और नारियल के साथ परोसा जाता है। खुरमुरा को बिहार की प्रमुख मिठाई माना जाता है और इसे विवाह, उपनयन और अन्य पर्वों पर बनाया जाता है।
चौथी राष्ट्रीय मिठाई है “बेलगाम”। यह बिहार के उत्तरी भाग में प्रसिद्ध है और इसे विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। बेलगाम एक प्रकार की चिकनी और मिठाई होती है जिसे गुड़ और गेहूं से बनाया जाता है। इसे गुड़ और नारियल के साथ परोसा जाता है। बेलगाम को बिहार की प्रमुख मिठाई माना जाता है और इसे विवाह, उपनयन और अन्य पर्वों पर बनाया जाता है।
इन चार मिठाइयों को बिहार की राष्ट्रीय मिठाई के रूप में मान्यता दी जाती है। ये मिठाइयाँ बिहार की सांस्कृतिक और खाद्य परंपरा का प्रतीक हैं और इन्हें बिहार