बिहार का अंतिम राजा कौन था?

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बिहार का अंतिम राजा कौन था?

भारतीय इतिहास में बिहार राज्य एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका इतिहास बहुत पुराना है और यहां कई महान राजाओं ने शासन किया है। बिहार के राजाओं में से एक राजा था जिसका नाम अंतिम राजा के रूप में जाना जाता है। इस लेख में हम बिहार के अंतिम राजा के बारे में विस्तार से जानेंगे।

बिहार का अंतिम राजा राजेंद्र नारायण सिंह था। वह बिहार के छपरा जिले के एक गांव में जन्मे थे। उनका जन्म 3 दिसंबर 1887 को हुआ था। राजेंद्र नारायण सिंह का पूरा नाम राजेंद्र प्रसाद नारायण सिंह था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय था और माता का नाम कृष्णा देवी था।

राजेंद्र नारायण सिंह की शिक्षा बिहार के पटना शहर में हुई। उन्होंने वहां के पटना कॉलेज में अपनी स्नातक की पढ़ाई की। उनकी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी भूमिका निभाना शुरू कर दी। उन्होंने बिहार के गांवों में जनसभाएं आयोजित की और लोगों को राष्ट्रीयता के प्रति जागरूक किया।

राजेंद्र नारायण सिंह की राजनीतिक करियर 1920 में आरंभ हुई। उन्होंने गांधीजी के साथ मिलकर असहयोग आंदोलन में भाग लिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की। उन्होंने बिहार में विभाजन और आंदोलन के लिए कई बड़े सभाओं का आयोजन किया।

1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद, राजेंद्र नारायण सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। उन्होंने बिहार के विकास और समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन किए।

भारत की स्वतंत्रता के बाद, राजेंद्र नारायण सिंह को बिहार के पहले मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने बिहार के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं और राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया।

1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद, राजेंद्र नारायण सिंह को भारत के पहले राष्ट्रपति बनाया गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में देश के विकास और समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, औद्योगिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन किए।

राजेंद्र नारायण सिंह का अधिकारिक अवकाश 13 मई 1962 को हुआ। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राजेंद्र नारायण सिंह ने अपने जीवन में बिहार के विकास और समृद्धि के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। उनकी महानता और योगदान को याद रखते हु

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