तमिलनाडु का नाम कब बदला गया?
तमिलनाडु का नाम कब बदला गया?
तमिलनाडु, भारत का एक प्रमुख राज्य है जो दक्षिण भारत में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थान है जिसे अपनी विविधता और प्राचीनता के लिए जाना जाता है। तमिलनाडु का नाम उसके इतिहास में कई बार बदला गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि तमिलनाडु का नाम कब और क्यों बदला गया।
तमिलनाडु का पहला नाम ‘तमिऴ्हर’ था, जो तमिल भाषा के आधार पर रखा गया था। इसके बाद इसे ‘तमिऴ्नाडु’ कहा जाने लगा, जिसका अर्थ होता है ‘तमिलों की नगरी’। यह नाम तमिलनाडु के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।
तमिलनाडु का नाम बदलने का पहला समय ब्रिटिश शासनकाल में आया। 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे ‘मद्रास प्रेसिडेंसी’ कहा था। इसके बाद 1947 में भारत की आजादी के बाद, तमिलनाडु को भारतीय राज्यों में एक राज्य के रूप में स्थापित किया गया। इस समय से पहले इसे ‘मद्रास’ कहा जाता था।
तमिलनाडु का नाम फिर से बदलने की बात 1969 में उठी, जब तमिलनाडु सरकार ने इसे ‘तमिलनाडु’ रखने का फैसला किया। इस नाम को चुनने का मुख्य कारण तमिल भाषा, साहित्य, और संस्कृति के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु की पहचान को बढ़ावा देना था।
तमिलनाडु का नाम बदलने के बाद से, यह राज्य अपनी विकास और प्रगति में तेजी से आगे बढ़ा है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और अपनी विविधता, संस्कृति, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। तमिलनाडु में विभिन्न धर्मों के मंदिर, चर्च, और मस्जिद हैं जो इसकी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
सारांश के रूप में, तमिलनाडु का नाम कई बार बदला गया है। पहले इसे ‘तमिऴ्हर’ और फिर ‘तमिऴ्नाडु’ कहा जाता था। ब्रिटिश शासनकाल में इसे ‘मद्रास प्रेसिडेंसी’ और बाद में ‘मद्रास’ कहा जाता था। आजकल इसे ‘तमिलनाडु’ कहा जाता है और यह तमिल भाषा, साहित्य, और संस्कृति के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। तमिलनाडु अपनी विविधता, संस्कृति, और पर्यटन स्थलों के लिए जानी जाती है और यह एक प्रमुख राज्य है जो भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित है।
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